मुंबई/एजेंसी। मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी का ऐप बुल्लीबाई को लेकर इन दिनों विवाद पैदा हो गया है। इस ऐप में, मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करते हुए उनकी नीलामी की जा रही है। ऐप की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। आरोप है कि बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो डाउनलोड करके नीलामी के लिए पोस्ट की जाती हैं और फिर लोगों को मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस पर गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने धर्म संसद और सरकार से सवाल किया है। उन्होंने लिखा-सौ -सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है, जबकि तथाकथित धर्म संसद, सेना और पुलिस को लगभग 20 करोड़ भारतीयों के नरसंहार की सलाह दे रही है। मैं हर एक की चुप्पी, खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी से हैरान हूं। क्या यही है उनका ‘सब का साथ और सबका विकास’?
इस मामले के खिलाफ दिल्ली से लेकर मुंबई तक महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है। गिटहब पर बुल्लीबाई नाम का ऐप क्रिएट कर उसपर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटोज डाली गईं हैं। फिर उनकी ‘बोली’ लगाई गई। मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐप बनाने वाले यूजर को गिटहब पर ब्लॉक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई पर भी बात चल रही है मगर सवाल यह है कि इंटरनेट पर इस तरह मुस्लिम महिलाओं की बोली लगवा कौन रहा है?
इसी तरह का एक और मामला साल 2020 में सामने आया था। उस समय सुल्ली डील नाम का ऐप चर्चा में था। इस ऐप के जरिए भी मुस्लिम महिलाओं को नीलाम किया जा रहा था। अब नया विवाद बुल्ली बाई ने खड़ा कर दिया है। आपको बता दें कि बुल्ली बाई ऐप को गिहब एपीआई पर होस्ट किया जाता है। इस ऐप के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी होती है।
बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स दोनों में ही कोई अंतर नहीं है। इन दोनों ऐप्स का मकसद एक ही है मुस्लिम महिलाओं का मानसिक और शारीरिक शोषण करना। दोनों ऐप्स के नाम भी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्द हैं। दोनों पर ही मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें और डीटेल्स अपलोड की गईं। महिलाओं के ट्विटर-इंस्टाग्राम-फेसबुक से जानकारियां और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं।