नई दिल्ली/जेएनएस। सरकार ने 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के नागरिकों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की थर्ड कोरोना बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया है। कोरोना के ओमीक्रान वैरिएंट के संक्रमण में अचानक वृद्धि के कारण इसकी जरूरत ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में सभी लोग बूस्टर डोज पाने की जल्दबाजी में हैं और धोखेबाजी का शिकार हो रहे हैं। नए स्कैम में साइबर क्रिमिनल बूस्टर वैक्सीन की जानकारी देने के बहाने लोगों की निजी जानकारी चोरी कर रहे हैं।
इन डिटेल्स का इस्तेमाल बाद में पीड़ितों के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए भी किया जा रहा है। साइबर क्रिमिनल सबसे पहले तो लोगों को फोन करते हैं और फिर खुद को सरकारी कर्मचारी के तौर पर बताते हैं। क्रिमिनल अधिकतर सीनियर सिटीजन को ही कॉल करते हैं। उसके बाद उनसे पूछते हैं कि क्या उन्होंने दो बार वैक्सीन लगवाई है। कई स्थितियों में कॉलर के पास पहले से ही यूजर की सारी जानकारी होती है। फिर वह कंफर्म करने के लिए उनका नाम, उम्र, पता और अन्य डिटेल्स को भी पूछते हैं। कई बार फ्रॉड असली प्रतीत होने के लिए वैक्सीनेशन की तारीख भी बता देते हैं।
उसके बाद कॉलर आपसे पूछते हैं कि क्या आप कोविड-19 वैक्सीन बूस्टर डोज लेना चाहते हैं। क्या आप इसके लिए स्लॉट बुक करना चाहते हैं। डोज के लिए सही तारीख और समय को कंफर्म करने के बाद साइबर क्रिमिनल आपके मोबाइल पर मिलने वाले ओटीपी के बारे में पूछते हैं। उसके बाद से ही सही फ्रॉड की शुरुआत होती है। वास्तव में ओटीपी आपके बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया गया होता है। जब आप उन्हें ओटीपी की जानकारी दे देते हैं तो आपके बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हो जाता है।
आपको हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि सरकार फोन कॉल के जरिए वैक्सीन स्लॉट बुक नहीं करवाती है। अगर आप कोविड-19 वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करना चाहते हैं तो आपको सरकार की अधिकारिक बेवसाइट पर जाना चाहिए। इसके अलावा आप आरोग्य सेतु ऐप के जरिए भी यह कर सकते हैं। अगर आप एक स्लॉट बुक नहीं कर पा रहे हैं तो आप सरकारी द्वारा जारी किसी भी पहचान पत्र के साथ वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर अपनी डोज ले सकते हैं।
आपको हमेशा उस मैसेज से बचना चाहिए जो कि ओटीपी के साथ है। आपको हमेशा ओटीपी वाले मैसेज को पढ़ना चाहिए। अगर आप यह नहीं कर सकते हैं तो अपने परिवार के किसी समझदार व्यक्ति से ऐसा करवा सकते हैं। इससे पता चलता है कि यह किस कोड के लिए इस्तेमाल होना है। साथ ही आपको ओटीपी किसी के साथ भी साझा नहीं करना चाहिए।