नई दिल्ली/एजेंसी। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत के मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में जानकारी दी। यह पहला मौका है, जब सरकार की ओर से इस घटना के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक तौर पर दी गई है। राजनाथ सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं और सीडीएस के साथ ही सभी जवानों का अंतिम संस्कार पूरे मिलिट्री सम्मान के साथ किया जाएगा। सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि चॉपर में सवार 14 में 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे बचाव दलों ने बाकी 13 को भी बचाने की हर संभव कोशिश की। उन्होंने बताया कि घटना के बाद घायलों को वेलिंगटन अस्पताल ले जाया गया था। घटना में अकेले बचे ग्रुप कैप्टन वरुण फिलहाल लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। राजनाथ सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने इस क्रैश के बाद ट्राई-सर्विस इनक्वॉयरी के आदेश दिए हैं। यह जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में होगी।

राजनाथ सिंह ने बताया कि जनरल बिपिन रावत अपने एक पूर्वनिर्धारित समारोह में शामिल होने जा रहे थे। सुबह 11ः48 पर सुलूर से उड़ान भरी। इसे 12ः15 पर वेलिंगटन में लैंड करना था, लेकिन 12ः08 मिनट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। इस दौरान लोगों ने आवाज सुनी तो मौके पर पहुंचे और तुरंत ही रेस्क्यू शुरू किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार हेलिकॉप्टर में सवार 14 में से 13 लोगों की मृत्यु हो गई। इनमें सीडीएस बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल थीं। जनरल बिपिन रावत वेलिंगटन के डिफेंस कॉलेज के छात्रों से बातचीत के लिए अपने एक शेड्यूल्ड कार्यक्रम पर थे।
सीडीएस बिपिन रावत का चॉपर क्यों हुआ क्रैश अब चलेगा पता स्पेशल टीम ने खोजा ब्लैक बॉक्स
नई दिल्ली। तमिलनाडु में क्रैश हुए वायुसेना के एम17 हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स डेटा रिकॉर्डर गुरुवार सुबह मिल गया। इसके बाद अब इस क्रैश की वजह जल्दी ही पता लगने की संभावना है। इस क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य जवानों की मौत हो गई थी। विंग कमांडर आर भारद्वाज की अगुवाई में वायुसेना के 25 सदस्यों की एक स्पेशल टीम ने यह ब्लैक बॉक्स बरामद किया है।
हालांकि, इस पर अधिक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। यह टीम गुरुवार सुबह से ब्लैक बॉक्स की खोज में जुट गई थी। बुधवार को बचावदल का प्रमुख उद्देश्य सभी शवों को वेलिंगटन आर्मी अस्पताल पहुंचाना था, इसलिए ब्लैक बॉक्स की खोज गुरुवार से शुरू हुई। ब्लैक बॉक्स से अब यह पता लग सकता है कि हेलीकॉप्टर किन कारणों से क्रैश हुआ। इसके अलावा चॉपर के हिस्सों की फॉरेंसिक जांच से भी यह पता लग सकता है कि कहीं किसी बाहरी कारण की वजह से तो यह हादसा नहीं हुआ।
इस बीच, 6 सदस्यों वाली एक स्पेशल मेडिकल टीम कुन्नूर हवाई हादसे में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के इलाज में जुटी हुई है। उनकी हालत गंभीर है और वेलिंगटन आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शरीर 60 प्रतिशत जल चुका है।