नई दिल्ली/एजेंसी। 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत और बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे हो गए हैं। इस युद्ध में भारत की जीत के लिए देश की एकता को वजह बताकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत महज 13 दिन में इस कारण जंग जीतने में कामयाब रहा, क्योंकि भारत एकजुट था। उन्होंने कहा कि आमतौर पर युद्ध महीनों और सालों चलते हैं, लेकिन भारत ने महज 13 दिनों में पाकिस्तान को झुका दिया। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका को 20 साल लगने से भी इसकी तुलना की। कांग्रेस नेता ने कहा, पाकिस्तान ने 1971 की युद्ध में 13 दिन के भीतर सिर झुका लिया। आमतौर पर युद्ध 6 महीने, 1-2 साल लड़े जाते हैं। अमेरिका को अफगानिस्तान को हराने में 20 साल लगे, लेकिन पाकिस्तान भारत के सामने 13 दिनों में ही हार गया, क्योंकि भारत एकजुट था और एक बनकर खड़ा रहा।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधकर कहा, आज बांग्लादेश युद्ध को लेकर दिल्ली में एक कार्यक्रम हुआ। इसमें इंदिरा गांधी का कोई जिक्र नहीं किया गया। जिस महिला ने देश के लिए 32 गोलियां खाईं, उनका नाम आमंत्रण में नहीं था, क्योंकि यह सरकार सच से डरी हुई है।
इससे पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 1971 के युद्ध के शहीदों और योद्धाओं को याद करता हूं। भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के कुशल नेतृत्व में लोकतंत्र के विचार को बचाने के युद्ध में विजय हासिल की थी। जय हिंद।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने इंदिरा गांधी की तस्वीर साझा करते हुए कहा, विजय प्राप्ति के बाद लौह महिला इंदिरा गांधी का भाषण राष्ट्र भावना से ओतप्रोत करने वाला था। देश की सेना के पराक्रम ने पाकिस्तान को पराजित कर विश्व में भारत का परचम लहराया।
विजय दिवस के मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय सेना की जीत और इंदिरा गांधी के नेतृत्व का वर्णन करने वाला एक वीडियो साझा किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, बांग्लादेश की मुक्ति और पाकिस्तान पर भारतीय सेना की निर्णायक जीत का 50 साल एक ऐसा मौका है जब हमें इंदिरा गांधी के मजबूत संकल्प और प्रेरक नेतृत्व को गर्व से याद करना चाहिए। हम करोड़ों लोगों की रक्षा करने के लिए दिखाए गए शौर्य और दिए गए बलिदान के लिए भारतीय सेना को सलाम करते हैं।
आज के ही दिन 1971 में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और पूर्वी पाकिस्तान को ‘बांग्लादेश’ घोषित किया गया था।