नई दिल्ली। एआईएमआईएम सुप्रीमो और हैदरावाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करने वाले आरोपियों ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक ओवैसी पर हमला करने वाले जिन दो युवकों को पकड़ा गया है, उन्होंने पूछताछ में बताया कि वे इससे पहले भी वे उनपर तीन बार हमला करने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन तीनों बार भारी भीड़ के कारण हमले को अंजाम नहीं दिया जा सका। आरोपी ने पुलिस के सामने अपने बयान में यह बात कही है।
उल्लेखनीय है कि ओवैसी की कार पर गुरुवार को उस समय हमला हुआ था, जब वे मेरठ से दिल्ली आ रहे थे। हमले के बाद पुलिस ने सचिन शर्मा और शुभम को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कहा है कि जब वे ओवैसी की कार पर हमले करने गए थे, तब ओवैसी ने उसे गोली चलाते हुए देख लिया था और नीचे की ओर बैठ गए थे। इसलिए उसने कार के निचले हिस्से में गोली चलाई ताकि ओवैसी को गोली लगे। एफआईआर के मुताबिक शुरू में आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे थे, लेकिन जब जांचकर्ताओं ने उन दोनों को बताया कि हमले की पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद कर लिया गया है, तब सचिन ने माफी मांगी और पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया।
एफआईआर के मुताबिक सचिन ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया, मैं राजनीतिज्ञ बनना चाहता हूं। मैं खुद को सच्चा राष्ट्रभक्त मानता हूं। मुझे लगा कि ओवैसी का बयान देश के लिए खतरा है। मेरे मन में ओवैसी के प्रति दुश्मनी पैदा हो गई। सचिन ने बताया कि पहले वे एआईएमआईएम के डासना चेयरमैन से संपर्क बनाया। उसके बाद ओवैसी कहां जाता है, कहां से आता है, इसके बारे में जाना। इसके बाद उसने ओवैसी को चुनाव प्रचार के दौरान ही निशाना बनाने की ठान ली। इसके बाद सचिन ने सहारनपुर के शुभम से संपर्क किया जिसे वह कई सालों से जानते थे।
सचिन ने कहा, मेरे बुलाने पर शुभम गाजियाबाद आया। 28 फरवरी को हम दोनों मिले। हम दोनों ने फैसला किया कि ओवैसी को मार दिया जाए। इसके लिए हम दोनों ने उचित समय का इंतजार किया। एफआईआर के मुताबिक दोनों 30 जनवरी को गाजियाबाद के शाहिद नगर में ओवैसी के चुनाव प्रचार में शामिल हुए। उन्होंने उसी समय ओवैसी को खत्म कर देना चाहा, लेकिन भीड़ के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। इसके बाद वे दोनों ओवैसी की हत्या के मकसद से गुरुवार को मेरठ के गोला कुंआ गए। यहां भी भारी भीड़ के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। इसके बाद वे दोनों किठोर गए लेकिन यहां भी यही कारण था। एफआईआर में दिए गए बयान के मुताबिक सचिन और शुभम ने इसके बाद सोचा कि ओवैसी दिल्ली की ओर जरूर जाएंगे। इसलिए यही सबसे बेहतर मौका होगा।
एफआईआर में दिए गए बयान में सचिन ने कहा जैसे ही असदुद्दीन की गाड़ी छाजरसी टोल पर शाम के समय पर आई और टोल पर धीमी होकर गुजर रही थी, मैंने और शुभम ने एक राय होकर ओवैसी को जान से मारने के लिए इसकी कार को लक्ष्य कर के गोलियां चलाना शुरू कर दी। मैंने जैसे ही पहली गोली चलाई तो ओवैसी ने मुझे गोली चलते हुए देख लिया और ये अपनी जान बचाने के लिए कार के नीचे की या बैठे गए। तब मैंने उनकी गाड़ी पर नीच की या गोली चलाई। मुझे ये उम्मेद थी की ओवैसी मारे गए होंगे। हालांकि मैंने यह नहीं देखा कि शुभम ने कितनी गोलियां चलाई क्योंकि हम दोनों अलग अलग दिशा में थे। इधर शुभम ने बताया कि उसकी बंदूक जाम हो गई थी जिसके कारण एक राउंड से ज्यादा गोली नहीं चला सके।