नई दिल्ली। एयर इंडिया इस हफ्ते 27 जनवरी 2022 को टाटा समूह को सौंप दी जाएगी। इस मामले से जुड़े लोगों के अनुसार एयर इंडिया के विनिवेश की बाकी बची हुई औपचारिकता अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया के स्टाफ को एक मेल करके कंपनी के डायरेक्टर फाइनेंस विनोद हेजमादी ने कहा एयर इंडिया की बैलेंस शीट बंद कर दी गई है, ताकि टाटा इसकी समीक्षा कर सकें। अब अगर कोई बदलाव होगा तो उसे 26 जनवरी को किया जा सकता है।
एयर इंडिया की बोली टाटा समूह ने पिछले साल 8 अक्टूबर को लगाई थी। इसके बाद एयर इंडिया को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया था। एयर इंडिया-टाटा ग्रुप की यह डील 18,000 करोड़ रुपये में हुई है। सरकार ने एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये पिछले साल आठ अक्टूबर को टाटा संस की एक कंपनी की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी।
सरकार के सूत्रों ने बताया एयर इंडिया के विनिवेश में देरी से पीएमओ नाराज है। इसके विनिवेश के बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि एयर इंडिया के अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, हालांकि इसमें काफी देरी हो चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि इस सौदे को लेकर बाकी औपचारिकता अगले कुछ दिन में पूरी हो जाने की उम्मीद है।
टाटा समूह एयर इंडिया सौदे के एवज में सरकार को 2700 करोड़ नगद देगा और एयरलाइंस पर बकाया 15,300 करोड़ के कर्ज की देनदारी अपने ऊपर लेगा। एयर इंडिया के अलग-अलग ग्रुप के कई अधिकारियों को टाटा इथोस और वर्क कल्चर आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। एयर इंडिया के कुछ डिपार्टमेंट के अधिकारी यह ट्रेनिंग लेंगे और उसके बाद वह अपने सहकर्मियों को इस बारे में जानकारी देंगे।
इस बारे में टाटा के एक अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सीनियरिटी के हिसाब से यह तय होता है कि कंपनी का बॉस कौन होगा, जबकि कॉरपोरेट सेक्टर में ऐसा नहीं है। एयर इंडिया के स्टाफ को अब इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा कि उनसे कोई कम उम्र का व्यक्ति भी उनका बॉस बन सकता है। उन्हें उसके तहत काम करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। अब तक टाटा ने एयर इंडिया के टेकओवर की तैयारियों से जुड़ी बातचीत पर कोई प्रक्रिया नहीं दी है। अब से 69 साल पहले जेआरडी टाटा ने एयर इंडिया की स्थापना की थी।