देहरादून। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला का अनुबंध निरस्त करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने अनुबंध की प्रतियां जलाई। उत्तराखंड क्रांति दल के विधानसभा प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि हिमालयन अस्पताल के साथ किया गया अनुबंध केवल निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने का षड़îंत्र है और आम जनता इलाज के नाम पर अत्यधिक पैसा बर्बाद करना पड़ता है।
उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल के नेतृत्व में दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में पीपीपी मोड को लेकर जमकर हंगामा काटा और सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश व्यक्त किया और नारेबाजी की। इसके बाद सभी उक्रांद कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के गेट के सामने खड़े होकर अनुबंध की प्रतियां जला डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुबंध की एक भी शर्त का पालन न तो सरकार के द्वारा किया गया और न ही हिमालयन अस्पताल ने अनुबंध के अनुसार सेवाएं दी। इसका सारा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल का अनशन छठे दिन भी जारी रहा। उनकी सेहत में लगातार गिरावट जारी है और डॉक्टर उनका नियमित चेकअप कर रहे हैं। देर शाम तहसीलदार ने आकर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना और अस्पताल के अनुबंध के विषय में जानकारी हासिल की। तहसीलदार ने वस्तुस्थिति से उच्चाधिकारियों को तत्काल अवगत कराने का भरोसा दिलाया और अनशन खत्म करने का अनुरोध किया, किंतु अनशन पर बैठे केंद्रपाल तोपवाल ने मांग पूरी होने तक आमरण अनशन पर डटे रहने की बात दोहराई। उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के साथ आम जनता से भी कई लोगों ने आमरण अनशन पर बैठने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कई युवा तथा वयोवृद्ध लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी मांग नहीं मानी गई तो फिर कई लोग एक साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे।
महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार आंदोलन का संज्ञान लेते हुए तत्काल अनुबंध निरस्त नहीं करती तो फिर व्यापक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। राज्य आंदोलनकारी आज भी गिरधारी लाल नैथानी धरना स्थल पर ही डटे रहे। उन्होंने 09 तारीख से आमरण अनशन पर बैठने का निश्चय कर रखा है। इस संबंध में वह उप जिलाधिकारी को पहले ही ज्ञापन दे चुके हैं। अनशन स्थल पर नगर अध्यक्ष बीना नेगी, जोत सिंह गुसाईं, सुनीता डोबरियाल, मंजूर रावत, संजीव रावत, सरोज रावत, उमा खंडूरी, गीता बिष्ट, रिंकी कुकरेती, भावना मैठाणी, शांति चौहान, सीमा धामी, पिंकी देवी, सविता देवी, राधा रावत, सुनीता शर्मा, पार्वती देवी, किसान सभा के संयुक्त सचिव याकूब अली, रीता देवी, मेहरबान सिंह तोपवाल, मेहताब अली, रमेश उनियाल, विजय प्रसाद, धर्मवीर सिंह गुसाईं आदि 100 से अधिक लोग मौजूद थे।