बुलाती है मगर जाने का नहीं……सोशल मीडिया पर चर्चित यह कमेंट गुजरात के एक आरोपी जालसाज को शायद ताउम्र याद रह जाएगा। दरअसल, 30 लाख की जालसाजी के मामले में पुलिस को चकमा देते आ रहा एक आरोपी जब मोबाइल फोन पर एक महीने का वर्चुअल इश्क फरमाने के बाद कथित प्रेमिका से मिलने पहुंचा तो उस पर जो बीती वह उसे शायद कभी न भुला पाए।
मामला गुजरात के सूरत का है। जहां लंबे समय से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहे धोखाधड़ी के एक आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए गुजरात पुलिस की सब इंस्पेक्टर शीतल चौधरी ने हनी ट्रेप का इस्तेमाल किया। इसमें उन्हें सफलता भी मिली और उन्हांने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी गिरीश देवड़ा ने अपने दोस्त मूश जावेद के नाम पर एक फॉर्च्यूनर कार खरीदी थी। इस पर उसने 30 लाख का बैंक लोन लिया था। दो – चार किश्तें देने के बाद उसने किश्तें देना बंद कर दिया। इतना ही नहीं उसने कार को पंजाब में बेच दिया। बैंक के संपर्क करने पर उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था। पुलिस से बचने के लिए वह केवल व्हाट्सप कॉल और मैसेज का ही इस्तेमाल कर रहा था। तमाम प्रयासों के बावजूद आरोपी के हाथ नहीं लगने पर सूरत पुलिस की सब इंस्पेक्टर शीतल चौधरी ने उसकी चतुराई का जवाब चतुराई से देने का मन बनाया। उन्हांने आरोपी से हनी ट्रेप का दांव अपनाया और आरोपी के मोबाइल फोन पर एक मैसेज किया। गिरीश के जवाब देने पर उन्होंने बातचीत आगे बढ़ाई। धीरे – धीरे मामला रोमांटिक मैसेज और इमोजी तक पहुंचा। इस दौरान दोनों ओर से प्रेम भरे मैसेज किए जाते रहे। करीब एक माह की रोमांटिक चैटिंग के बाद एसआई ने उसे मिलने के लिए बुलाया। उनके बुलावे पर आरोपी मिलने के लिए एक रेस्तरां में पहुंचा जहां पुलिस टीम ने उसे धर लिया।
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बुलाती है मगर जाने का नहीं…….ताउम्र रहेगा याद
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