राजीव नामदेव –
हरिद्वार जनपद के खानपुर थाना क्षेत्र में लापता हुए प्रॉपर्टी डीलर की लूट के इरादे से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दो हत्यारोपितों को गिरफ़्तार कर रेत में छिपाया गया प्रॉपर्टी डीलर का शव बरामद कर लिया है। हत्या में शामिल एक आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोभाल ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि देहरादून जनपद के डोईवाला के कुडकावाला निवासी रमाशंकर (48) प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। हरिद्वार के खानपुर में उनका कारोबार था। बीती 8 दिसंबर को वह खानपुर आए थे। लेकिन इसके बाद लापता हो गए। स्वजन ने उनके मोबाइल पर संपर्क किया। लेकिन मोबाइल बंद आता रहा। काफ़ी तलाश के बाद भी रमाशंकर का पता नहीं लग सका। जिसके बाद उनके पिता रमेश ने उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस रमाशंकर की तलाश कर रही थी। जांच के दौरान रमाशंकर के बैंक खाते से ट्रांजेक्शन होने की जानकारी पुलिस को मिली। इसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने खानपुर थाना क्षेत्र के चंदपुरी गांव से दो संदिग्ध आरोपितों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने रमाशंकर की लूट के इरादे से हत्या की बात कही। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने चन्दपुरीं घाट से आगे रेत में दबा रमाशंकर का शव बरामद कर किया। शव के मुंह पर टेप लगा था और उसके हाथ पैर निर्ममता से बांधे गए थे।
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों ने अपने नाम रॉबिन पुत्र कमल व अक्षय पुत्र प्रेम बताए। वारदात में शामिल अपने एक साथी अंकित पुत्र अमरपाल का नाम भी उन्होंने पुलिस को बताया। आरोपित रमाशंकर के खेतों में भी काम करते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि रमाशंकर की उनके गांव में भी जमीन थी। उनका मानना था कि उसके पास से उन्हें अच्छे पैसे मिल सकते हैं। घटना वाले दिन रमाशंकर को देख उन्होंने योजना बनाकर उसे खेत देखने के बहाने से बुलाया और पकड़ लिया। आरोपितों ने उससे लूटपाट का प्रयास किया लेकिन उसके पास केवल 400 रुपए ही निकले।
जिसके बाद उन्हें गुस्सा आ गया। उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया और उसके मोबाइल पे अकाउंट का पासवर्ड पूछा। आनाकानी करने पर उन्होंने उसके हाथ पैर बांध दिए और उसकी पिटाई की। इस दौरान उन्होंने उसके मुंह पर टेप लगा दी। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। अपना गुनाह छिपाने के लिए उन्होंने शव को रेत में दबा दिया। इसके बाद रॉबिन, रामशंकर का फोन लेकर रुपये निकालने के लिये मंगलौर पेट्रोल पम्प पर गया था. उसने अलग अलग कुल 30,000 (तीस हजार रुपये) निकाले थे. अगले दिन रॉबिन, रामशंकर का फोन लेकर रुपये निकालने के लिये मण्डावर बिजनौर गया। लेकिन मोबाइल फोन से रुपये नहीं निकल पाये। तीसरे दिन रॉबिन, रामशंकर के मोबाइल से रुपये निकालने के लिये मीरापुर गया था, लेकिन वहां भी रुपये नहीं निकल पाए। बाद में सबूत मिटाने के लिए उन्होंने दाबकी खेड़ा के निकट उसका मोबाइल फोन जमीन में दबा दिया। जबकि मृतक का हेलमेट, टोपी, आधार और पैन कार्ड आदि घटना वाले दिन ही वह लक्सर मार्ग पर टायर फैक्ट्री के निकट फेंक चुके थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पकड़े गए आरोपितों को कोर्ट में पेश कर फ़रार आरोपित की तलाश की जा रही है। खुलासा करने वाली पुलिस टीम में खानपुर थाना प्रभारी रविंद्र शाह, एसआइ बबलू चौहान, भजराम चौहान, उपेंद्र सिंह, समीप पांडेय, इमलीखेड़ा चौकी प्रभारी उमेश लोधी, सीआइयू रुड़की प्रभारी संजय पूनिया और टीम शामिल रहे।