राजीव नामदेव –
बीते एक साल से निकाय चुनाव का इंतज़ार कर रहे दावेदारों की सुस्ती एक बार फ़िर टूटने लगी है। हालिया संकेतों के बाद निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदारों ने एक बार फ़िर घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री को छोड़कर 11 नगर निगम, 46 नगर पालिका और 45 नगर पंचायतों में इस वर्ष के अंत तक चुनाव प्रस्तावित हैं। बीते एक साल से प्रशासकों के हवाले चल रहे निकायों में दिसंबर माह के अंत तक सरकार की ओर से चुनाव कराए जाने की बात कही गई है। पूर्व में नवंबर मध्य में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराए जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन ओबीसी आरक्षण को पेंच फंसने के बाद मामला अभी लटका हुआ है। फिलहाल राजभवन से अध्यादेश को मंजूरी और इसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होने का इंतज़ार है।
इस बीच शासन स्तर से पिछले कुछ दिनों में आइएएस, पीसीएस और आइपीएस अधिकारियों के तबादलों के अलावा निकाय चुनाव की तैयारियों के जोर पकड़ने के बाद अब एक बार फिर चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगीं हैं। चर्चा है कि जनवरी माह में निकायों में चुनाव कराए जा सकते हैं। जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया के बार बार लटकने के कारण सुस्त हो जाने वाले दावेदारों की सुस्ती एक बार फिर टूटने लगी है। दावेदारों ने एक बार फिर घरों के बाहर निकलकर लोगों से संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है। दावेदार अब लोगों से मिलकर उन्हें साधने में जुट गए हैं। गली नुक्कड़ पर भी चुनावी चर्चाएं शुरू हो गईं हैं।