राजीव नामदेव –
उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर सरकार एक क़दम और आगे बढ़ी हैं। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही कवायद के बीच अब 2024 के निकाय चुनाव भी 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जाने की तैयारी है। जाहिर है कि इससे जहां चुनाव शीघ्र कराए जाने का रास्ता खुल गया है वहीं चुनाव में ओबीसी आरक्षण में बदलाव की उम्मीद कम हुई है।
उत्तराखंड के बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री को छोड़कर 11 नगर निगम, 45 नगर पालिका और 46 नगर पंचायतों में इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित निकाय चुनावों को लेकर भाजपा विधायकों के नगर निकाय संशोधन विधेयक में ओबीसी सर्वे के मानक तय किए जाने की मांग पर गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान पेश किए गए नगर निकाय संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के हवाले कर दिया गया था। माना गया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़नी है।
इस बीच प्रवर समिति की बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार 2018 की तर्ज पर 2024 के निकाय चुनाव भी 2011 की मतगणना के आधार पर कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। हालांकि प्रवर समिति की ओर से अभी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। लेकिन अब साफ हो गया है कि निकाय चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर ही कराए जाएंगे। निकाय चुनाव 2011 की जनसंख्या के आधार पर कराने के फैसले से अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि आगामी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत ही रहने वाली है। हालांकि राज्य में अलग – अलग कारणों से ओबीसी की संख्या बढ़ी है। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से अब 10 नवंबर को उच्च न्यायालय में निकाय चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि निकाय चुनाव को अब और अधिक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।