राजीव नामदेव –
हरिद्वार जनपद के खानपुर में सिडकुल की स्थापना को लेकर चल रही क़वायद और दावों – वादों के बीच बेरोजगारों को अभी भी यहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का इंतज़ार है। सीमांकन और निर्माण कार्यों के शिलान्यास के बीच यहां स्थित नौ दिन में चले अढ़ाई कोस जैसी ही है।
पूर्व में प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर मीट के बाद सरकार की ओर से उद्योगों के लिए भूमि हेतू प्रस्ताव मांगे गए थे। तत्कालीन विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में सिडकुल की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया था। जिसे शासन से हरी झंडी मिल गई थी। इसके बाद से ही यहां सिडकुल की स्थापना को लेकर कवायद चल रही है। खानपुर क्षेत्र के प्रह्लादपुर, शाहपुर और मदारपुर में सिडकुल के लिए भूमि की पैमाइश और भूमि के परीक्षण के अलावा आइआइटी से यहां सर्वे कराकर भूमि की उपयुक्तता आदि को लेकर रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।
इसके बाद कुछ समय तक मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन बीते साल दिसंबर माह में आयोजित इन्वेस्टर मीट के बाद एक बार फ़िर खानपुर में सिडकुल की स्थापना को लेकर कवायद शुरू हुई शासन के निर्देश पर सिडकुल और तहसील प्रशासन ने सीमांकन की कार्रवाई शुरू की थी। इसके अलावा सिडकुल के लिए प्रस्तावित भूमि पर बुनियादी सुविधाओं और अन्य निर्माण के लिए शासन से बजट स्वीकृत होने के भी दावे किए गए थे। लोकसभा चुनाव से पहले एक जनप्रतिनिधि ने सिडकुल के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी किया गया था। लेकिन शिलान्यास किए जाने के बाद एक बार फिर मामला ठंडे बस्ते में जाता नज़र आ रहा है। करीब एक वर्ष का समय बीतने के बाद भी अभी तक खानपुर क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को लेकर स्थिति साफ़ नहीं है। ऐसे में यहां फैक्ट्रियां लगने और रोज़गार मिलने की आस लगाए बैठे बेरोजगारों का इंतज़ार लंबा होता चला जा रहा है। जिसके बाद अब स्थानीय युवा और बेरोजगार शासन और जनप्रतिनिधियों के दावों – वादों पर सवाल उठा रहे हैं।
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