राजीव नामदेव –
हरिद्वार – पुरकाजी राजमार्ग को चार लेन किए जाने की योजना प्रस्तावित है। पहले चरण में इसके लिए सर्वे कार्य की निविदा विभाग जारी कर चुका है। इस बीच राजमार्ग को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। विशेषकर वर्तमान में राजमार्ग पर पड़ने वाले गांव कस्बों और शहर में, भवन स्वामी और व्यापारियों से लेकर रियल एस्टेट कारोबारी इन चर्चाओं में शामिल हैं।
हालांकि अभी राजमार्ग को चार लेन किए जाने को लेकर आशंकाएं और कयास ही लगाए जा रहे हैं। दरअसल, खानपुर से हरिद्वार के बीच प्रस्तावित चार लेन परियोजना अभी शुरुआती चरण में है। विभाग की ओर से केवल परियोजना के सर्वे कार्य के लिए निविदा की ही जानकारी दी गई है। चार लेन के लिए विभाग वर्तमान टूलेन मार्ग का ही उपयोग करेगा अथवा शहरी क्षेत्र में इसके लिए वैकल्पिक मार्ग खोजा जाएगा यह अभी तय नहीं किया गया है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक़, अभी केवल सर्वे कार्य के लिए पहले चरण में निविदा की प्रक्रिया चल रही है। सर्वे में राजमार्ग पर पड़ने वाले ग्रामीण और शहरी क्षेत्र, भवन, बाज़ार, रेलवे क्रासिंग, फ्लाईओवर, यातायात घनत्त्व, वर्तमान और भविष्य में यातायात दबाव और उपयोग, अधिग्रहित की जाने वाली भूमि की उपलब्धता, निर्माण की लागत, भूमि अधिग्रहण पर दिए जाने वाले मुआवज़े सहित कई बिंदुओं को शामिल किया जाता है। इसी के आधार पर परियोजना की डीपीआर तैयार की जाती है। राजमार्ग के आबादी क्षेत्र अथवा बाईपास से गुजरने को लेकर निर्णय भी इन्हीं में निहित होते हैं। लिहाज़ा फ़िलहाल इस बाबत अधिकांश आशंकाएं और चर्चाएं फिलवक्त अप्रासंगिक ही हैं। इस बाबत जनपक्ष द्वारा संपर्क किए जाने पर एनएचएआइ के अवर अभियंता राजीव कर्णवाल का कहना है कि विभाग की ओर से फिलहाल प्रस्तावित परियोजना के लिए सर्वे ही कराया जाना है। लिहाज़ा अभी इस संबंध में कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है। सर्वे में शामिल बिंदुओं पर जो रिपोर्ट मिलेगी इसी के आधार पर निर्णय लेकर डीपीआर तैयार होगी। इनमें निर्माण और भूमि के अधिग्रहण पर आने वाला खर्च सबसे महत्त्वपूर्ण हैं। आबादी क्षेत्रों में राजमार्ग को लेकर अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।