राजीव नामदेव –
आपके यूपीआइ खाते में अचानक अनचाही रक़म जमा होने का मैसेज आए तो तत्काल अपना बैलेंस जांचने से बचिए। ऐसा न हो कि आपके खाते से बड़ी धनराशि निकल जाए। साइबर ठगों ने ठगी का यह नया तरीक़ा निकाला है। बैंकों की ओर से दी जाने वाली रिवर्स सुविधा को साइबर ठग इसका जरिया बना रहे हैं।
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच साइबर ठग भी लोगों से ठगी के नए – नए तरीके निकाल रहे हैं। ऐसा ही एक तरीके को लेकर तमिलनाडु पुलिस के साइबर विंग ने लोगों को सावधान किया है। इसमें न तो व्यक्ति के मोबाइल पर कोई लिंक अथवा साफ्टवेयर इंस्टाल होता है और न ही कोई कॉल आती है।
दरअसल यूपीआइ अथवा नेट बैंकिंग के दौरान ग़लत ट्रांजेक्शन पर कुछ बैंक एक निश्चित समय सीमा में बैंक अथवा एनपीसीआइ को शिकायत किए जाने पर उपभोक्ता को ट्रांजेक्शन में गए पैसे को रिवर्स करने की सुविधा देते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, साइबर ठगों ने इसे अपना हथियार बनाया है। इसमें व्यक्ति के मोबाइल पर एक छोटी रकम 2 से 5 हज़ार तक भेजी जाती है। पैसे खाते में आने के मैसेज के साथ ही यूपीआइ एप तक जाने का लिंक होता है। पैसे खाते में आने का मैसेज देखते ही उपभोक्ता तत्काल अपने यूपीआइ अकाउंट को लॉग इन कर बैलेंस जानने का प्रयास करते हैं। खाते से रिवर्स ट्रांजेक्शन सुविधा का लाभ उठाते हुए साइबर ठग यूपीआइ में लॉग इन होते ही बैलेंस जानने के लिए डाले गए यूपीआइ पिन की मदद से खाते से अपने 5 हज़ार के बजाय 50 हज़ार तक रकम रिवर्स करा लेते हैं। ठगी के इस तरीके को ” jumped deposit ” का नाम दिया गया है। पुलिस के मुताबिक़, ठगी से बचने के लिए उपभोक्ता किसी अनचाही रकम के खाते में आने का मैसेज मिलने पर तत्काल अपना बैंक बैलेंस चेक करने के लिए यूपीआइ पिन प्रविष्ट न करें। इसके लिए 30 मिनट तक इंतज़ार करें। 30 मिनट में पैसा रिवर्स होने की सुविधा की समय सीमा बीतने के बाद खतरा कम हो जाता है। इसके बाद उपभोक्ता अपना यूपीआइ एप इस्तेमाल कर सकते हैं।