राजीव नामदेव –
उत्तराखंड में निकाय चुनाव का इंतज़ार अभी और बढ़ सकता है। निकायों में ओबीसी आरक्षण की नियमावली पर अभी तक मुहर नहीं लग पाने के चलते 10 नवंबर को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने पर संशय बना हुआ है।
उत्तराखंड के बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री को छोड़कर 11 नगर निगम, 46 नगर पालिका और 45 नगर पंचायतों में इस वर्ष के अंत तक निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। अभी तक 10 नवंबर को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की तैयारी है। लेकिन इससे पूर्व ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। इसके अलावा आरक्षण की नियमावली को लेकर भी एक पेंच फंसता नज़र आ रहा है। दरअसल पिछले दिनों निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर शासन की ओर से गठित एकल सदस्य आयोग नगर निकायों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। इसके अलावा एक अनुपूरक रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। वहीं, ओबीसी आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति भी भी अपना मत स्पष्ट करते हुए चुनाव को हरी झंडी दे चुकी गई।
इस बीच ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए शासन की ओर से तैयार की गई नियमावली पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। तैयारी यह थी कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करते हुए जिलाधिकारी स्तर से तय फार्मूले के अनुसार आरक्षण जारी करते हुए आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण कर राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण का ब्यौरा भेजा जाएगा। इसी के अनुसार आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा। लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में 10 नवंबर को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकेगी इसे लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि निर्वाचन आयोग की और से 8 जनवरी तक सभी निकाय में मतदाता सूची तैयार होने की बात कही गई है।